वस्तुतः वर्तमान संक्रमण काल में पत्रकारिता के नाम पर जो कुछ चल रहा है ऐसे दोर में सत्य को सार्थक करना अत्यंत दुरूह कार्य है I बेबाक प्रताप ने बहुसंख्यक लोगों के सामने वास्तविक पत्रकारिता की परिभाषा सटीक रूप से प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है I बेबाक प्रताप इस दौर में वो सब कुछ बिना राग द्वेष के आपके सामने रखेगा जो आपको जानना चाहिए I यकीन मानिये हमने यह तय कर लिया है कि बेहूदगी, झूठ, फरेब और धोखाधडी के इस माहौल में हम एक सुकून बन कर आपके सामने आयेंगे I
हमारे बारे में आप निश्चित ही इतना जान लीजिए कि चाहे जो कुछ भी सच हो हमारी पैनी निगाहों से बच नहीं पाएगा ये प्राण जाए पर वचन न जाए वाला प्रण है I आपने जो है उसी को पत्रकारिता और साहित्य समझ लिया है क्योंकि फ़िलहाल कोई और साधन है भी नहीं हम आपको भारतेंदु हरिश्चंद्र के सिद्धांत बता कर यह स्थापित करेंगे कि जो भीड़ के रूप में आपके सामने है वो सही पत्रकारिता नहीं है I आपको जब यह ज्ञात होगा कि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य क्या है तो आप उत्साहित हो जाएंगे I
बेबाक प्रताप अपने इस वादे के साथ पूर्ण तैयारी के साथ आपके सामने है, आप ही हमारे मार्गदर्शक है, मालिक हैं और सलाहकार हैं, हम आपके बिना कुछ नहीं है लिहाजा आइए अपने बेबाक प्रताप को आत्मसात कीजिए I